किया कि उसकी बाहों की सुरक्षा में उसका गुस्सा फीका पड़ गया है और वह हताशा में अपने पैर पटकना चाहती थी। अपने पिता को खोने का गम फिर से उभरने लगा था पर वो रोएगी नहीं।
स्टीवन ने ज्वेल को आश्वस्त करने के लिए अंक में भर लिया। जिस तरह का वह बर्ताव कर रही थी, उसके लिए वह उसे दोष नहीं दे सकता था। अगर एंथनी ने अभी-अभी उसके पिता को मार डाला होता, तो दुनिया की कोई भी ताकत उसे भी रोक नहीं पाती।
“देखो, क्या है ना?” उसने उससे थोड़ा पीछे झुकते हुए और उसके चेहरे को ऊपर की ओर उठाते हुए कहा। "हम सुबह एक बैठक कर रहे हैं, और हर कोई वहां आ रहा है। हम तुम्हारी मदद करेंगे कि तुम उसके पास वापस जाने से बेहतर कुछ सोच सको। इस तरह, हमें मिला कर तुम्हारे साथ एक सेना होगी। हमारे बिना, तुम भेड़ियों की एक सेना का मुक़ाबला करोगी, और उस सूरत में चाहे तुम कुछ भी करो... एंथनी तुम्हें ले जाएगा।" उसने उसके गाल को सहलाया और उसकी आँखों में देखा, "और मैं नहीं चाहता कि एंथोनी तुम्हें ले जाए।"
ज्वेल ने अपना सिर वापस स्टीवन की छाती पर रख दिया और एक गहरी, उखड़ी हुई सी सांस ली। वह सही था। उसने जो किया था, उसके बाद वह उस राक्षस के आसपास भी नहीं फटकना चाहती थी। उसने अपना कान उसकी छाती पर दबा कर स्टीवन के मजबूत और स्थिर दिल की धड़कन सुनी। कितनी ही बार उसने उसे पिशाचों से, एंथोनी से, और अब ख़ुद उसकी मूर्खता से बचाया था?
"क्या तुम मुझे आज रात रोकोगे?" ज्वेल यह जानकर फुसफुसाई कि अगर उसने उसे छोड़ दिया, तो पिछले कुछ घंटों की भयावहता उसे परेशान करने के लिए वापस आ जाएगी। उसने उसकी ओर देखा और उसकी स्थिर आँखों में आँखें डाल दीं। उसके होंठ आश्चर्य से अलग हो गए क्योंकि गर्मी की एक लकीर उसके शरीर के केंद्र में दौड़ गई।
वह उसके गुस्से को कैसे शांत कर दिया था और साथ ही साथ उसे ऐसा महसूस कराया था कि जैसे वह आग में जल रही