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प्रस्तावना
“सब कुछ ठीक हो जाएगा, अब तुम बड़े हो गए हो.....जाओ और दूसरे बच्चों के साथ खेलो। हम फिर मिलेंगे, मैं वादा करता हूँ!”
बच्चा आँसू भरी आँखों से उसे दूर जाते हुए देखता रहा; वह, अकेला आदमी, जिसके साथ वह हमेशा से खेलता आया था।
बच्चा धूप से भरे पार्क की तरफ दौड़ता हुआ वापस आया, जहां वह पड़ोस के दूसरे बच्चों के साथ खेल में लग गया, इससे उसके काल्पनिक दोस्त की यादें धीरे-धीरे उसके दिमाग से मिटने लगी थीं।
दूसरे बच्चों के बीच अपना रास्ता बनाने के बाद, वह आखिरकार स्लाइड तक पहुंच ही गया। उसने एक पल भी बर्बाद नहीं किया और तेज़ी से स्लाइड पर नीचे की ओर फिसलना शुरू कर दिया। अभी वह स्लाइड के नीचे तक भी नहीं पहुंचा था, कि उसने देखा कि एक छोटी सी गोरी लड़की अपनी माँ से दूर भागी, और भागते हुए उसके पैरों की ओर आई। वह अपनी गति धीमी नहीं कर पाया और उससे बुरी तरह टकरा गया।
छोटी लड़की ने अपना संतुलन खो दिया और उसका सिर स्लाइड के ठोस किनारे से टकरा गया।
उसने छोटी लड़की तक पहुँचने और यह सुनिश्चित करने की कोशिश की कि वह ठीक है, लेकिन उसकी माँ ने उसे बड़ी बेरहमी से खींच कर उससे दूर कर दिया, जो उसकी मदद के लिए आई थी। अचानक, दादा-दादी और माओं की एक भारी भीड़ बेचारी छोटी लड़की के आसपास इकट्ठा हो गई।
जब वह बड़े लोगों के पैरों के बीच से रेंग कर दूर जाने की कोशिश कर रहा था, तो वह केवल यह सुन सका था कि वह बेहोश हो गई थी। "कोई एम्बुलेंस बुलाओ!"
उस आवाज के साथ, जो उसके कानों में भयंकर ढंग से गूँज रही थी, आशंकाओं ने उसे घेर लिया। वह पार्क के पीछे वाले जंगल की ओर भाग गया।
अचानक, उसके चारों ओर हर चीज पर अंधेरा सा छा गया। ठंडी हवा अजीब सी आवाज़ें निकालती हुई चल रही थी। अज्ञात आवाज़ें पार्क के माँ-बापों की चख-चख के साथ मिल कर उसके कानों में गूंजने लगीं। वे पेड़ों के एक समूह की ओर से आ रही थीं, जहां से एक लंबी सी छाया खुद को ज़ाहिर कर रही थी। फिर वह आवाज़ जो विभिन्न दिशाओं से आ रही थी, और भी तेज़ होती गई। वह अधिक से अधिक तेज़ हो कर उसके कानों तक आती रही, फिर उसे महसूस हुआ कि वह उसके कानों में फुसफुसा रही है:
"दमनबालेस आइस ओम, मिरदो ख्वाइस मिरदो, सेसा विरंट आइस ओम