से एक चिड़िया लाया और प्राकृतिक मसालों का उपयोग किया जो मुझे जंगल में मिले। लेकिन, विषय बदलते हैं, तुम सच में कौन हो ?
- यह अच्छी मेहमाननवाज़ी दिखाना है कि मेजबान अपने बारे में पहले बात करें। तुम्हें पहाड़ की चोटी पर आए अब चार दिन हो गए है और अब तक मुझे तुम्हारा नाम तक नहीं पता।
- बहुत अच्छे। लेकिन यह एक लंबी कहानी है। मेरा नाम अलडीवन टेक्सइरा टोर्रेस है और मैं महाविद्यालय स्तर का गणित पढ़ाता हूं। मेरे दो जूनून साहित्य और गणित हैं। मैं हमेशा से किताब प्रेमी रहा हूँ और बचपन से मैं अपनी किताब लिखना चाहता हूँ। जब मैं उच्च स्कूल में था तो मैंने एक्सीलेसिएस्ट्स(सभोपदेशक) की किताब के कुछ अंश इकठ्ठे किये थे, बुद्धिमता और कहावतें। मैं बहुत खुश था इसके बावजूद कि वह लेख मेरे नहीं थे। मैंने बड़े गर्व से उसे सबको दिखाया। मैंने उच्च शिक्षा पूरी की और कम्प्यूटर का कोर्स किया और पढाई कुछ समय के लिये बंद कर दी। उसके बाद मैंने कालेज से तकनीकी कोर्स करने के कोशिश की। लेकिन मुझे लगा कि वह मेरा क्षेत्र नहीं है। हालांकि मैं उस क्षेत्र में इंटर्नशिप के लिए तैयार था। हालाँकि परीक्षा के दिन पहले कोई अनजान ताकत मुझसे हार मान लेने की जिद्द करती रही। जैसे समय बिताता गया, मैं उतना ज्यादा ही दबाव इस ताकत के द्वारा महसूस करने लगा जब तक मैंने यह निर्णय कर लिया की मैं परीक्षा नहीं दूंगा। दबाव हट गया और मेरा ह्रदय भी शांत हो गया। मुझे लगता है यह किस्मत थी जिसने मुझे जाने नहीं दिया। हम सब को अपनी सीमाओं का आदर करना चाहिए, मैंने बहुत से निवेदन किये, मंजूरी मिली और अब मैं शिक्षा विभाग में प्रशासनिक सहायक के पद पर आसीन हूँ। तीन साल पहले मुझे किस्मत का एक और संकेत मिला। मुझे कुछ समस्या थी और मुझे तंत्रिका अवसाद हो गया। तब से मैं लिखने लगा और कुछ ही समय में उसने उभरने में मेरी मदद की। उसका परिणाम किताब "विज़न ऑफ़ मीडियम" थी जो अभी तक मैंने प्रकाशित नहीं की है। यह