मौके नहीं थे, उन्होंने मुझे नया रास्ता दिखाया, मुसीबत के समय में, मुझे शैतान के बंधनों से मुक्त किया। कुछ भी हो, लेकिन उस अंजान औरत से अनुमोदन उस आदमी की याद दिलाता है जो मैं कुछ देर पहले था। मेरा तात्कालिक लक्ष्य था कि मैं उन बाधाओं की परवाह किये बिना जिन्हें मुझे पार करना है जीत जाऊं।
-तो तुमने पहली चुनौती जीत ली। मै तुम्हे मुबारकबाद देती हूं (औरत ने कहा)। पहली चुनती का उद्देश्य था कि अपनी बुद्धिमता तथा अपनी निर्णय लेने तथा बॉटने की क्षमता का पता लगाना। दो रास्ते "विरोधी ताकतों" का प्रतिनिधित्व करते हैं (अच्छा और बुरा)। इंसान दोनों में से कोई भी रास्ता चुनने के लिए मुक्त हैं। अगर कोई दाईं तरफ वाला रास्ता चुनता है तो वह ज़िन्दगी के हर पल में स्वर्गदूतों द्वारा मदद पायेगा। वो वही रास्ता था जो तुमने चुना। जो भी हो, वो आसान रास्ता नहीं है। प्रायः बहुत से शंकायें आपको घेरेंगी और आपको सोचने पर मजबूर करेंगी कि क्या यह रास्ता उस लायक है। दुनिया के लोग हमेशा धोखा देने वाले होंगे और हमेशा आपकी सद्भावना का फायदा उठाएंगे और तो और जो विश्वास आप लोगों पर रखेंगे वो हमेशा आपको दुखी कर देगा। जब भी आप उदास हों, याद रखें: आपके परमेश्वर ताकतवर हैं और वो आपको कभी नहीं छोडेगे। कोई अमीरी या कोई लालच आपके हृदय को दुःख ना पंहुचा सकें। आप ख़ास हो और आपकी कीमत की वजह से परमेश्वर ने आपको अपना बेटा माना है। कभी इस अनुग्रह से गिरना नहीं। बाईं ओर जो रस्ता है वो हर उस मानव के लिए है जिन्होंने परमेश्वर की पुकार का विद्रोह किया। हम सब दिव्य कार्य को करने के लिए पैदा हुए है। हांलाँकि हम में से कुछ लोग भौतिकवाद, बुरे प्रभाव और ह्रदय की खोट के कारण इससे भटक जाते है। जो उस बाएँ रास्ते को चुनते हैं वो लोग अच्छे भविष्य की प्राप्ति नहीं करते, जीसस ने हमे सिखाया है: हर वो पेड़ जो फल नहीं