सूरज क्षितिज की और बढ़ रहा है। हमारी योजना पूरे सामंजस्य में है। आस पास के पेड़ व वनस्पतिओं और जानवरों की आवाज पर्यावरण को ग्रामीण बना रही है। संरक्षक की पूरे रास्ते भर की चुप्पी गुफा में छुपे खतरे को प्रदर्शित कर रही थी। हम थोड़ी देर रुके। पहाड़ों की आवाज शायद मुझसे कुछ कहना चाहती है। मैं इस मौके को चुप्पी को तोड़ने के लिये उपयोग करता हूँ।
-क्या मैं कुछ पूछ सकता हूँ? ये कौन सी आवाजें हैं जो मुझे कष्ट दे रही हैं?
- तुमने आवाजें सुनी। पवित्र पहाड़ की यह जादुई क्षमता है कि सभी सपने देखने वाले दिलों को एक संग ला देती है। तुम इस जादुई गूंज को महसूस कर पा रहे हो और समझ पा रहे हो। फिर भी, इन पर ज्यादा मत ध्यान दो ये तुम्हें असफलता की और ले जाएँगी। अपनी विचारों पर केंद्रित रहो और काम हो जायेंगे। गुफा की यह क्षमता है कि वह आपकी कमजोरियां पहचान कर उसे आपके खिलाफ उपयोग कर सकती है।
- मैं अपना ख्याल रखने का वचन देता हूँ। मुझे नहीं पता की गुफा में मेरा क्या इंतज़ार कर रहा है लेकिन मुझे भरोसा है प्रकाशित आत्मा मेरी मदद करेगी। मेरा भविष्य दांव पर है और कहें तक तो कुछ हद तक दुनिया भी।
- चलिये, हमने काफी आराम कर लिया। चलना शुरू करते हैं क्योँकि कुछ ही देर में शाम हो जायेगी। गुफा यहाँ से करीब आधा किलोमीटर ही होगी।
पैरो की गड़गड़ाहट फिर से शुरू हो गई। मेरे सपने सच होने से बस आधा किलोमीटर दूर हैं। हम पहाड़ के पश्चिमी भाग पर हैं जहाँ हवा ज्यादा तेज़ है। पहाड़ और उसके राज…............मुझे लगता है मैं इसे कभी पूरा नहीं जान पाउँगा। मुझे चढ़ने के लिए किस चीज ने प्रेरित किया? असम्भव का संभव होने का वादा और मेरे रोमांच और स्काउटिंग प्रवृति ने। सच में, जो चीज मुमकिन थी और मेरे हर दिन की दिनचर्या मुझे मार रही थी। अब मैं जिन्दा महसूस कर रहा था और चुनौतियों से जीतने के लिए तैयार था। पहाड़ के पास पहुँच गए। मैं इसका प्रवेश