किताब को केन ने इतनी सावधानी से छिपाया था, उसी किताब के जादू का इस्तेमाल करते हुए मलाची ने उसे एक अभिशाप से बांध दिया था, हिलने-डुलने या बात करने में असमर्थ... अपना बचाव तक करने में असमर्थ। फिर उसने केन के खूनी पत्थर की बाली को निकाल लिया था, जिससे उसे दिन के उजाले में चलने-फिरने की आजादी मिलती थी। खूनी पत्थर, जो कभी पहले पिशाच, सिन के हुआ करते थे।
केन ने एक बार पूछा था कि कोई पहला कैसे हो सकता था और उत्तर ने उसे चौंका दिया था।
सिन इस दुनिया में अकेला आया था, घायल और भूखा-प्यासा। उसे एक युवा व्यक्ति मिला और भूख के मारे सिन ने उसका खून ले लिया। पिशाच जल्दी ही जान गए कि इस दुनिया के इंसान बहुत नाज़ुक प्राणी हैं, जिनसे अगर वह इस ग्रह पर एक परिवार की रचना करने की आशा में अपना खून साझा करता है, तो उनकी आत्मा उन्हें छोड़ देती है। लेकिन जब उनकी आत्मा चली जाती है, वह उसके लिए बेकार हो जाते हैं और एक राक्षस से भी बढ़ कर हो जाते हैं।
अपने अंतहीन जीवन के दौरान सिन को केवल तीन ऐसे इंसान मिले थे, जो अपनी आत्मा को बचा पाये थे....उसके बच्चे बन कर भी। उनमें केवल इतना फर्क आता था कि जब वे बदल जाते थे तो सूरज उन्हें जला देता था.....जिसकी वजह से उन्हें और उनके राक्षस भाइयों को दिन की रौशनी से छुपना पड़ता था। सिन के ग्रह पर खूनी पत्थर के कारण ऐसी कोई समस्या नहीं थी।
जो मोटा सा कड़ा सिन पहने रहता था, वह उसकी अपनी दुनिया से आया था और खूनी पत्थर का बना हुआ था। उस कड़े से एक टुकड़ा टूट जाने पर उसने उसे एक अंगूठी, एक हार और एक इकलौती बाली में गढ़वा लिया था। केन ने एक बार फिर उस बाली को छू कर देखा, जो उसने पहनी हुई थी।
जहां खूनी पत्थर ने उसे एक अर्द्ध-सामान्य जीवन दिया था.... यह सिन की जादू की किताब थी, जो केन के पतन का कारण बनी थी। सिन ने उसे अपने चुने हुए उत्तराधिकारी के बुद्धिमत्ता पूर्वक उपयोग करने के लिए छोड़ा था। इसके अंदर एक