Massimo Longo E Maria Grazia Gullo

चौथाई चाँद


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रहा था। उसे वह समय अच्छी तरह याद था, जब लिबेरो बीमार, उदासीन और चिड़चिड़ा था। हालांकि लिबेरो कोई खास बुद्धिमान नहीं था, लेकिन जो सादा जीवन वह जी रहा था, उसने उसे खुशमिजाज बना दिया था। कार्लो चाहता था कि एलियो अपने भाई को सकारात्मकता के साथ गले लगाए। इस बीच लिबेरो अपनी नाक कार की खिड़की में घुसेड़े था और वह रास्ते में दिखने वाली हर चीज़ के बारे में सवाल पूछ रहा था।

      घर पर सब लोग उसका इंतज़ार कर रहे थे।

      ज्यूलिया आखिरी चीज़ें पैक करते समय घबराई हुई थी। समय करीब आ रहा था, और वह खुद से पूछ रही थी कि क्या सब कुछ ठीक हो जाएगा। आखिर वह उनकी माँ थी, और चिंता के अलावा और कुछ नहीं कर पा रही थी।

      दूसरी ओर गाइया पहले ही इस विचार से समझौता कर चुकी थी। वह पूरे घर में अपनी माँ के पीछे पीछे फिर रही थी और उससे हजारों सवाल पूछ रही थी: वह क्या क्या देख सकती है? वह खेत के आस-पास क्या करेगी?

      एलियो और वह तब खेत पर गए थे, जब वे बच्चे थे और उनके दादी-दादा जीवित थे। उनके दिमाग में उस स्थान की केवल कुछ धुंधली धुंधली सी यादें ही थीं: खेत, और उन पेड़ों की मीठी सी खुशबू, जिनके आस-पास वे लुका छिपी का खेल खेला करते थे।

      जबसे उसके पति की मृत्यु हुई थी, इडा बुआ अपनी ज़िंदगी को दोबारा पटरी पर लाने के लिए संघर्ष कर रही थी। इसलिए उसने अपने बच्चों के साथ अपने माता-पिता के खाली पड़े पुराने खेत में बस जाने का निर्णय लिया था।

      जैसे ही गाइया ने ताले में घूमती हुई चाबी की आवाज़ सुनी, वह अपने फुफेरे भाई की ओर दौड़ी, जिसने उसे उठा लिया और उसे लिए लिए चकरघिन्नी के जैसा घूम गया। गाइया मुसकुराई, उसने इतनी प्यारी गर्मजोशी की आशा नहीं की थी।

      “हाय लिबेरो, तुम कैसे हो?” उसने गर्मजोशी से अपने फुफेरे भाई से पूछा, जिसे वह काफी लंबे समय बाद मिल रही थी।

      “अच्छा हूँ, प्यारी बहन।” लिबेरो ने जवाब दिया।

      उसी समय ज्यूलिया भी उनके बीच शामिल हो गई और लिबेरो ने उसे दोनों गालों पर एक एक हल्का सा चुंबन दे दिया।

      “तुम्हारा