चले जाना?” ज्यूलिया ने कहा।
“मैं साल के इन दिनों माँ को अकेला नहीं छोड़ सकता। वहाँ कई चीजों की देखभाल करनी होती है।”
“तुम ठीक कहते हो, लिबेरो। तुम सच में बहुत अच्छे लड़के हो।” कार्लो ने नरमी से उसका कंधा थपथपाते हुए उसकी तारीफ की।
“आपको पता है, कार्लो मामा, मैं कुछ पूछना चाहता था। यहाँ शहर आने से पहले मैं सोचता था कि आप हॉर्न केवल आपात स्थिति में बजाते होंगे......”
“हाँ, यह सही है।” कार्लो ने जवाब दिया, “क्यों?”
“क्योंकि ऐसा लगता है कि हर कोई इसे ऐसे प्रयोग करता है, जैसे वह किसी पार्टी में संगीत बजा रहा हो! वे हार्न बजाना कभी बंद ही नहीं करते।”
हर किसी की हंसी छूट गई, सिवा एलियो के, जो चकित था कि लिबेरो ने कोई चुटकुला सुनाया था क्या, या फिर...........
तीसरा अध्याय
उसने महसूस किया कि लड़का दहशत में था, और उसकी हंसी फूट पड़ी
अगली सुबह लिबेरो ने ज्यूलिया को जगाया, क्योंकि उस का पाँव गलियारे के कालीन में फंस गया था, तो ज्यूलिया और उसने बाकी लोगों के उठने से पहले ही नाश्ता कर लिया। जब ताज़ा कॉफी की महक कार्लो के कमरे में घुसपैठ कर गई तो उसने भी रसोई घर का रास्ता लिया, और उसने सफाई देनी शुरू की कि एलियो के साथ आखिर क्या समस्या थी।
“चिंता मत कीजिए।” लिबेरो ने उसे तसल्ली दी, “यह घर के बाहर का अनुभव उसकी मदद करेगा। और माँ ने पहले ही से एक रणनीति बना ली है।”
जब वे ट्रेन के स्टेशन पहुंचे तो ज्यूलिया बच्चों को नसीहत करने से खुद को रोक नहीं पाई कि उन्हें वहाँ कैसे बर्ताव करना चाहिए।
गाइया से इंतजार नहीं हो पा रहा था; वह उत्साहित और उत्सुक थी। दूसरी तरफ यह साफ था कि एलियो केवल इसमें घसीटा जा रहा था। इस पर तुर्रा ये कि उसे गाइया के भारी सामान भी ढोने पड़ रहे थे, केवल इसलिए कि लिबेरो ने उसे ऐसा करने पर मजबूर किया था: “महिलाओं को वज़न नहीं उठाना चाहिए!” उसने कहा था, जिसने एलियो को आँखें नचाने पर मजबूर कर दिया था। उसके लिए पहले