Massimo Longo E Maria Grazia Gullo

चौथाई चाँद


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      “क्या तुमने यह वाली देखी? मुझे लगता है कि यह लिबेरो के बहुत बचपन की तस्वीर है। वह इतना गंभीर और उदास दिख रहा है कि लगता ही नहीं है कि यह वही है।”

      तस्वीर में एक कांतिहीन और कमजोर बच्चा दिख रहा था, जो निस्तेज आँखों से सामने देख रहा था।

      “वह कितना अजीब सा दिख रहा है।” गाइया ने टिप्पणी की।

      तस्वीर में वह बगीचे में खड़ा था और वह अपने हाथों में अपनी खिलौना कार पकड़े हुए था। तस्वीर थोड़ी धुंधली हो गई थी क्योंकि सूरज उसके पीछे था। तस्वीर में लिबेरो अकेला था, हालांकि एक दूसरी छाया भी थी जो उसकी छाया के बगल में थी।

      एलियो ने इसे देख लिया और चिंतित स्वर में कहा:

      “क्या तुम्हें यह छाया दिख रही है?”

      “कौन सी?”

      एलियो को घबराहट महसूस होने लगी थी।

      “यह वाली, यहाँ पर। क्या तुम्हें नहीं दिख रही? यह छाया किसी भी चीज़ से संबंध नहीं स्थापित कर रही।” उसने तस्वीर की तरफ उंगली से इशारा करते हुए कहा।

      “यह? यह तो पेड़ की छाया है।”

      हालांकि गाइया को पूरी तरह विश्वास नहीं था, लेकिन उसने अपने भाई को दिलासा देने का प्रयास किया।

      एलियो नहीं चाहता था कि उसकी बहन को लगे कि वह पागल हो गया है, उसने बात का विषय बदलने का निर्णय लिया।

      “हमें नीचे जाना होगा। इडा आंटी ने मुझे यहाँ तुम्हें बुलाने के लिए भेजा है। उन्हें तुम्हारी मदद चाहिए।”

      “क्या तुम यहीं ठहरोगे?” गाइया ने सीढ़ियों की ओर छलांग लगाते हुए पूछा।

      एलियो ने सोचा कि यहाँ अकेले ठहरने का तो कोई सवाल ही नहीं था।

      “नहीं, मैं तुम्हारे साथ आ रहा हूँ।” उसने कहा।

      गाइया ने देखा कि उसकी आंटी रात का खाना बनाने में व्यस्त है, और वह उनकी मदद करने लगी।

      एलियो सोफ़े पर लेटने ही वाला था जब उसने इडा की आवाज़ सुनी।

      “तुम क्या कर रहे हो? आ कर हमारी मदद करो। यह आराम करने का समय नहीं है। मेज़ लगाओ, प्लीज।”

      “लिबेरो कहाँ है?” गाइया ने पूछा।

      “ज़रूर वह तबेला बंद कर रहा होगा।” इडा ने जवाब दिया, “एलियो,